मंगलवार, 23 अगस्त 2016

नदान मन


ओ री मेरा नादान मन,
क्यों रहता है तू परेशान,
होगा एक नया सबेरा,
मंजिल मिलेगी तुझको,
होगी दुनिया कदमों में तेरा,
राहों में होती मुश्किल हजार,
इतनी जल्दी बिखर जाओगी,
न होंगे सपने सकार,
अभी राह तो शुरू हुई है,
जाना है तुझे बहुत दूर,
न रुकना है,न मुड़ना है,
तुझे तो बस चलते जाना है,
याद कर तु अपनी वादा,
क्यों आया है तु इस जग में,
कायरों की तरह न बदल इरादा,
क्या हुआ जो तुझे न मिला प्यार,
इतनी छोटी सी बात से,
मायूस न होना मेरे यार,
होगी कोई न कोई जग में,
जिसे है तेरा इंतजार,
फिर तु देखना मनोरथ,
क्या होता है प्यार,

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