बुधवार, 10 अगस्त 2016

माँ तेरी याद आती है,
बेहिसाब बेसबब आती है,
आ गया हूँ तेरी आंचल छोड़,
एक अंजान शहर में,
खुशियों की बहार छोड़,
गम के समंदर में,
तेरी वो प्यारी सुरत,
हमेशा याद आती है,
फंस गया हूँ जिंदगीं की दलदल में,
ढुंडता फिरता हूँ खुद को,
हजारों की भीड़ में,
नहीं है कोई गलती बताने वाला,
तेरी वो मार्गदर्शन याद आता है,
बहुत स्वार्थों है ये दुनिया वाले,
तेरी वो निस्वार्थ प्यार याद आता है,
माँ तेरी बहुत याद आती है,,,,,

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