रविवार, 2 अक्तूबर 2016

मन करता है!

मन करता है पंछी बनकर,
आसमान में उड़ जाऊँ,
उम्मीदों की पंख फैला कर,
मंजिल अपनी पाऊँ,
मन करता है बादल बनकर,
धरती की प्यास बुझाऊँ,
एक अच्छा इंसान बनकर,
सबके होठों में मुस्कान लाऊँ,
मन करता है सुरज बनकर,
सबको रौशन कर जाऊँ,
घर-घर में शिक्षा का दीप जलाकर,
सबको शिक्षित कर जाऊँ,
मन करता है पुष्प बनकर,
अपनी सुगंध फैलाऊँ,
प्रियतमा की प्रिय बनकर,
जीवन भर साथ निभाऊँ,
मन करता है तारा बनकर,
गगन में चमक बिखेरुं
माँ की लडला बनकर,
उनके सपने पूरे कर जाऊँ,

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