भाई बहन का ये पवित्र त्यौहार पुरे भारत वर्ष में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।बहने अपने भाई की कलाई पर राखी (रक्षा कवच )बाँधती हैं। ये कवच जहाँ भाई की तो रक्षा करता है पर बहन की रक्षा करने की भी याद दिलाता है।पर आज कल इस त्यौहार की मात्र ओपचारिकता ही रह गयी है, वैसे बाज़ारों में खूब रौनक होती है त्यौहार भी खूब धूम धाम से मनाया जाता है आजकल टी वी पर और अखबारों में हर रोज नई-नई ख़बरें आती रहती हैं किसी दहेज़ लोभी ने विवाहिता को जला दिया, कोई सरेआम किसी लड़की को सडक पर नंगा कर रहा है ,ये बेशर्म ये नहीं सोचते की ये भी किसी की बहने होगी इन बहनों का भी कोई भाई होगा, जो अपनी बहन को तुमसे भी ज्यादा प्यार करता होगा। आजकल इस राखी के पवित्र धागे में वो ताकत नहीं रही,या फिर भाइयों में इतनी ताकत नहीं रही की अपनी बहनों की रक्षा कर सके ,या समाज ही इतना गन्दा हो गया है की इतने पवित्र रिश्ते की अहमियत को भी नहीं समझ रहा है हमें इस पवित्र बंधन को दिल से मानना होगा तभी राखी बाँधने का मकसद सफल होगा,,,,,
मंगलवार, 23 अगस्त 2016
रक्षाबंधन का महत्व
भाई बहन का ये पवित्र त्यौहार पुरे भारत वर्ष में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।बहने अपने भाई की कलाई पर राखी (रक्षा कवच )बाँधती हैं। ये कवच जहाँ भाई की तो रक्षा करता है पर बहन की रक्षा करने की भी याद दिलाता है।पर आज कल इस त्यौहार की मात्र ओपचारिकता ही रह गयी है, वैसे बाज़ारों में खूब रौनक होती है त्यौहार भी खूब धूम धाम से मनाया जाता है आजकल टी वी पर और अखबारों में हर रोज नई-नई ख़बरें आती रहती हैं किसी दहेज़ लोभी ने विवाहिता को जला दिया, कोई सरेआम किसी लड़की को सडक पर नंगा कर रहा है ,ये बेशर्म ये नहीं सोचते की ये भी किसी की बहने होगी इन बहनों का भी कोई भाई होगा, जो अपनी बहन को तुमसे भी ज्यादा प्यार करता होगा। आजकल इस राखी के पवित्र धागे में वो ताकत नहीं रही,या फिर भाइयों में इतनी ताकत नहीं रही की अपनी बहनों की रक्षा कर सके ,या समाज ही इतना गन्दा हो गया है की इतने पवित्र रिश्ते की अहमियत को भी नहीं समझ रहा है हमें इस पवित्र बंधन को दिल से मानना होगा तभी राखी बाँधने का मकसद सफल होगा,,,,,
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें