दोस्तों सफल होना कौन नहीं चाहता??,,सभी का सपना होता है कि वह अपने प्रोफेसन में सफल हो ,,लेकिन बहुत कम ही लोग होते है जो सफल होते है,,,,अधिकतर को असफलता हाथ लगती है और वे जिंदगी से निराश हो जाते है,,,लेकिन वे कभी एनालाइज नहीं करते कि वह असफल क्यों हुआ,,,बस किस्मत को कोस कर रह जाते है,,,आइए कुछ इन्हीं कारणों को एनालाइज करते है,,,,
दोस्तों आज जब हम अपने चारों ओर के लोगों के व्यवहार को देखता हूँ तो हैरान के साथ साथ गुस्सा भी आता है,,,आज जब आप कुछ काम करने जाओ तो लोग आपको हतोत्साहीत ही करते है,,,,, ये काम तुझसे नहीं होगा,,,,फलना आदमी नहीं कर सका तो तु क्या कर लेगा,,,,,तरह तरह के बाते बनाने लगते है,,,वे हमारे दिमाग को divert कर देते है और हम अपना 100% नहीं दे पाते है,,,आइए इसको एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं,,,
एक बार दो दोस्त जिनमें एक का उम्र 8 तथा दुसरा का उम्र 14 साल था एक सुनसान जंगल को पार कर रहा था दुर दुर तक कोई इंसान नहीं था,,,,,, जाते जाते दुसरा दोस्त एक खाई में गिर गया,,अब पहला दोस्त को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें क्योंकि दुर दुर तक कोई नहीं था,,,,तो वह जंगल की लताओं से एक रस्सी टाइप का बनाया और अपना सारा शक्ति लगाकर उसे खींचने लगा अंततः वह सफल हुआ,,,,
मन में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि इतना छोटा लड़का अपने से बड़े को कैसे बचा लिया???? मित्रों क्योंकि उस के आस पास यह बताने वाला कोई नहीं था कि वह यह काम नहीं कर सकता,,,,
उसका दिमाग भ्रमित नहीं हुआ वह अपनी पूरी ताकत लगा दिया और अंततः सफल हुआ,,उसने समय का इंतजार नहीं किया ,,,,वह जंगल में उपलब्ध संसाधन से ही रस्सी बनया और अपनी सारी ताकत लगा दिया और अंततः वह सफल रहा,,,,
मित्रों हम लोगों के साथ भी सेम यही होता है हम लोग यदि किसी काम में असफल होते है तो इसका बहुत बड़ा कारण हमारे आस पास में मौजूद लोग ही होता है क्योंकि छोटा से हम लोगों के दिमाग में यह कुट कुट कर भर दिया जाता है कि यह काम तुम से नहीं होगा तुम्हारे पास संसाधन की कमी है और हम जब भी उस काम को करने जाते हैं तो न चाहते हुए भी ये सब बातें हमारे दिमाग को divert करती है इस कारण अपनी पूरी क्षमता नहीं लगाते और असफल हो जाते है,,,,,,
मैं आप लोगों के साथ अपनी पर्सनल experience शेयर कर रहा हूँ,,,एक घटना 12th बाद की है,,,
12th बाद मेरे पापा के परम मित्र,,,मुझसे पुछा बेटा आगे क्या करना है,,,मैंने कहा जी रसायन में स्नातक,,,
वे मुझे ऐसे घुरने लगे जैसे मैं कोई एलियन हूँ,,,
उसके बाद उन्होने जो कहा बहुत ही हास्यपद लेकिन समाज का सच उजागर करने वाला,,,अरे बेटा तुम टेक्नेकल क्यों नहीं कर लेते,,,,रैंक भी अच्छा आया है,,,अच्छे कालेज में एडमिशन हो जायेगा,,,,, रसायन विज्ञान तुमसे न हो पायेगा,,,,बहुत मोटी मोटी किताब है,,,दोस्तों अगर उस दिन उनके बात पर हम अमल करते तो आज जहां हूँ,,,,शायद नहीं होता,,,,
मन में सवाल उठता है कि आखिर इस समस्या से बचें कैसे????
बहुत ही आसान जबाव है,,,इन लोगों के सामने बहरा बन जाओ,,,जब आप सुनेगें ही नहीं तो ये नकारात्मक बातें आपके दिमाग में कभी नहीं आयेगा,,,,,
दुसरा कारण है कि हम एक साथ एक ही समय में दो या अधिक काम करना चाहते है और असफल हो जाते है,,,दोस्तों रसायन में एक uncertainty principle है,,,जिसके अनुसार आप एक समय में किसी कण का स्थिति और गति एक साथ ज्ञात नहीं कर सकते,,,,सेम रही principle हमारे साथ भी लागू होता है हम भी एक समय में दो काम नहीं कर सकते,,,,यदि एक काम पर 80% ध्यान देते है,,,तो दुसरा काम 20% और यही 20% हमें सफल होने से रोकती है,,,,हमेशा एक ही काम पर अपना 100% दे,,,फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता,,,,
मित्रों एक कहावत तो आप सबने सुनी होगी"हाथी जाए बजार कुत्ता हजार" बस यही कहावत इन लोगों के लिए लागू होती है,,,,,
अंत में मित्रों हमेशा याद रखिए हम जैसा सोचते है हमरा दिमाग भी उसी दिशा में ले जाता है ,,,,,इसलिए हमेशा सकारत्मक ही सोच रखें,,,,,और नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से हमेशा दुरी बनाए रखें,,,,,